हेलीकाप्टर के इंतजार में 428 लाहौली

उदयपुर (लाहौल-स्पीति)। जनजातीय क्षेत्र लाहौल घाटी के लिए शीतकालीन हेलिकॉप्टर सेवा शुरू नहीं होने बर्फीले रेगिस्तान में कई मरीज घाटी से बाहर जाने को छटपटा रहे हैं। घाटी में एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात नहीं होने से यहां सेवाएं दे रहे चिकित्सकों के पास मरीज को रेफर करने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता है। इस समय लाहौल के नौ हेलीपैड में 428 यात्रियों ने उड़ान समितियों के पास सीट के लिए आवेदन किया। इसमें नौ मरीज, तीन गर्भवती महिलाएं भी हैं। मरीजों में तिंगरेट हेलीपेड के अंतर्गत 26 वर्षीय चिकी लामो की हालत काफी नाजुक बताई जा रही है। वहीं, सिस्सु हेलीपैड के अंतर्गत कोकसर कीयूरजोम, तेलिंग की छोमो और शासिन की कमला को भी शिशु अस्पताल के डाक्टर वितेश गुप्ता ने उनकी बीमारी को देखते हुए रेफर किया है। इसके अलावा बारिंग हेलीपैड में दो, उदयपुर और तिंदी हेलीपेड में एक-एक, रावा हेलीपैड में एक बच्चा बीमार है। तिंगरी, तांदी डाइट और जिस्पा हेलीपैड में भी तीन गर्भवती महिलाएं उड़ान के इंतजार में हैं। उड़ान समिति से मिली जानकारी के मुताबिक तिंदी हेलीपैड के 30 यात्रियों, तिंगरेट से 8, उदयपुर से 47, वारिंग से 58, रावा से 32, तांदी से 35, स्तिंगरी हेलीपैड से 135, जिस्पा से 27 और सिस्सु हेलीपैड से 66 लोगों ने कुल्लू जाने के लिए सीट की बुकिंग करवाई हुई है।
एसडीएम केलांग प्रशांत सरकेक ने बताया कि आवेदनकर्ताओं में पहली प्राथमिकता मरीजों और परीक्षार्थियों को दी जाएगी।

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